अनापानसति ध्यान आधार श्रृंखला

अनापानसति ध्यान आधार श्रृंखला

Q1. अनापानसति ध्यान का अर्थ है ?

अपने स्वाभाविक श्वास को देखना, बिना किसी बदलाव, जाप या कल्पना के। यह पाली भाषा से आया है:

• अना = श्वास लेना

• अपाना = श्वास छोड़ना

• सति = जागरूकता मिलाकर अर्थ होता है — “सजग श्वास ध्यान।”


Q2. श्वास को देखने से क्या लाभ होता है?

श्वास पर ध्यान देने से सक्रिय होते हैं:

प्रि-फ्रंटल कॉर्टेक्स — जिससे एकाग्रता, शांति और निर्णय क्षमता बढ़ती है

वैगस नर्व — जो हृदयगति को धीमा करता है और हार्मोन संतुलित करता है

अल्फा और थीटा ब्रेनवेव्स — जो गहरी विश्रांति, रचनात्मकता और उपचार से जुड़ी होती हैं सिर्फ 5 मिनट का अभ्यास भी आपके मन और शरीर की स्थिति बदल सकता है।


Q3. कॉस्मिक ऊर्जा क्या है?

कॉस्मिक ऊर्जा वह सूक्ष्म जीवन शक्ति है जो हर चीज़ में होती है — प्रकृति, लोग, अंतरिक्ष। ध्यान के दौरान शरीर इस ऊर्जा को अधिक मात्रा में ग्रहण करता है, जिससे:

• कोशिकाओं का उपचार होता है

• विचार संतुलित होते हैं

• आंतरिक स्थिति ताज़ा होती है


Q4. अनापानसति ध्यान कैसे करें?

1. आराम से बैठें

2. पैर क्रॉस करें और हाथों को जोड़ें

3. आंखें धीरे से बंद करें

4. पीठ को ढीला रखें

5. स्वाभाविक श्वास को देखें — अंदर और बाहर

6. अगर विचार आएं, तो फिर से श्वास पर लौट आएं


Q5. क्या मुझे ध्यान में विश्वास या एकाग्रता की ज़रूरत है?

नहीं। सिर्फ श्वास को देखें। ना कोई विश्वास चाहिए, ना कोई विधि, ना कोई प्रयास।


Q6. क्या बच्चे ध्यान कर सकते हैं?

हाँ! 5 साल की उम्र से बच्चे ध्यान शुरू कर सकते हैं। अक्सर वे इसे सहज रूप से अपना लेते हैं।


Q7. क्या मुझे जीवनशैली बदलनी होगी या सन्यासी बनना होगा?

बिलकुल नहीं। ध्यान आपके वर्तमान जीवन को अधिक शांति और स्पष्टता देता है।


Q8. ध्यान कितनी देर करना चाहिए?

पत्रीजी का सरल नियम: जितनी आपकी उम्र, उतने मिनट रोज़ ध्यान करें। जैसे: 30 वर्ष = 30 मिनट प्रतिदिन


Q9. क्या मैं कहीं भी ध्यान कर सकता हूँ?

हाँ! आप ध्यान कर सकते हैं:

• A.T.M. – कभी भी ध्यान

• A.P.M. – कहीं भी ध्यान

• A.S.M. – किसी भी स्थिति में ध्यान आपकी श्वास हमेशा आपके साथ है।


Q10. मैं पहले से कोई और विधि करता हूँ। क्या मैं यह भी कर सकता हूँ?

बिलकुल। अनापानसति ध्यान किसी भी अन्य साधना या उपचार विधि को और गहरा करता है। अधिक लाभ के लिए:

• स्वाध्याय करें — सही आध्यात्मिक पुस्तकों का अध्ययन

• सज्जन संगत करें — अन्य साधकों के अनुभव सुनें


Q11. ध्यान में बार-बार विचार आते हैं, मैं श्वास पर ध्यान नहीं रख पाता |

चिंता न करें। यह लगभग सभी के साथ होता है। नियमित अभ्यास से विचार कम होंगे और बाद में वे सकारात्मक बन जाएंगे।


Q12. ध्यान करते समय आंखें खोलने का मन करता है, क्या करें?

यह स्वाभाविक है — विशेषकर जब आप नए हैं। यह मन की स्थिरता की ओर पहला कदम है।

आप क्या करें:

• धीरे से श्वास पर लौट आएं

• खुद से कहें: “मैं सुरक्षित हूँ। मैं सिर्फ देख रहा हूँ।”


Q13. ध्यान में विचार रुकते नहीं, क्या करें?

विचार ध्यान में बाधा नहीं हैं — वे प्रक्रिया का हिस्सा हैं। जैसे बादल आकाश में तैरते हैं, वैसे ही विचार मन में आते हैं। उन्हें दबाने की कोशिश न करें — बस बिना निर्णय के देखें। धीरे से श्वास पर लौट आएं। विचार स्वाभाविक हैं। थोड़ा समय दीजिए। बस इतना ही।